Monday, 12 November 2012


दीपावली   मंगलमय  हो
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आदरेय ,
दीपों का यह पावन पर्व आपके तथा आपके  परिवार के  जीवन में खुशियों  का असीम साम्राज्य लेकर आये ।
आपको प्रीति और प्रगति का अनंत आलोक  प्राप्त हो ।  हार्दिक शुभकामनायें ।

डॉ0 नरेश कात्यायन
पुष्पा  सुमन
दिव्या मिश्रा
काव्या मिश्रा 


पद्म भूषण डॉ0 गोपाल दास  नीरज को समर्पित पञ्च दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कविता समारोह का  कार्यक्रम  विवरण .।

दिनांक 23 -12-12 से  27- 12- 12  तक  लखनऊ  एवं  मथुरा
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23-12 -12 को अपराह्न 4 बजे से
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समारोह का उद्घाटन विश्वेश्वरैया सभागार लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ।
विशिष्ट अतिथियों का अभिनन्दन ,पुस्तकों का लोकार्पण ,देश -विदेश के  साहित्यकारों का सम्मान  तथा[संस्था के विभिन्न सम्मानों से ]।
भोजन एवं विश्राम ।

24-12-12को पूर्वान्ह 11 बजे से
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हिंदी कविता की वाचिक परंपरा के वैश्विक स्वरूप  विषय पर परिचर्चा ।

24-12-12 को शायम 5 बजे से
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अंतर राष्ट्रीय  हिंदी कवि सम्मलेन
भोजन एवं विश्राम

25-12-12 को प्रातःकाल 9 बजे लखनऊ  से मथुरा प्रस्थान [वॉल्वो बस द्वारा]
मथुरा में भोजन और विश्राम ।

26-12-12 को प्रातः मथुरा के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण
एवं सायं 5 बजे से अंतर्राष्ट्रीय कवि  सम्मलेन 'भोजन एवं विश्राम ।

27-12-12को वृन्दावन के प्रमुख स्थलों का अवलोकन तथा  सायं 6 बजे पारस्परिक  संवाद, कविगोष्ठी तथा  समापन
28-12-12को प्रातः लखनऊ वापसी ।

डॉ0 नरेश कात्यायन
अध्यक्ष एवं संयोजक
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Sunday, 28 October 2012

गीत

जिसकी आँखों में करुणा का पावन पानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी  अमर कहानी है ।।

दुखियों की पीड़ा को जिसने अपना मान लिया ;
जिसने सेवा का व्रत अपने मन में ठान लिया ।
मानवता के महामंत्र का साधक कालजयी ';
उसकी आँखों ने अपने प्रभु को पहचान लिया ।

वही  धार्मिक वही पुजारी सच्चा ग्यानी है ;
जिसकी आँखों में करुणा का पावन पानी है ।।

इस दुनिया में पाप पुण्य पर लगता भारी है ;
ताक़त कहीं ,कहीं पर मानव की लाचारी है ।
नहीं किसी को फिकर किसी की इतना स्वार्थ बढा ;
इस समाज को लगी लोभ वाली बीमारी है ।।

ऐसे में भी पीर दीन  की जिसने जानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी अमर कहानी है ।।

कभी किसी अंधे को करके सड़क पार देखो ,
किसी दुखी को देकर अपना तनिक प्यार देखो ।
दे अनाथ को आश्रय ,रोगी को अपनी सेवा ,
भूखे को भोजन देकर् के एक बार देखो ।।

ऐसा सुख पाओगे जिसका कहीं न सानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी अमर कहानी है ।।

सच्चा सुख ,सच्चा जीवन है सच्चा धर्म यही ,
ईश्वर की पूजा का जग में सच्चा मर्म यही ।
नर सेवा नारायण सेवा ,पर दुःख कातरता ;
यही ज्ञान है ,यही ध्यान है सच्चा कर्म यही ।।

वही ओज है ,वही तेज है ,वही जवानी है ।
जिसकी आँखों में करुना का पावन पानी है ।।
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Friday, 14 September 2012


गीत

एक बार आकर तो देखो मेरे गीतों के उपवन में
विश्वासों के बिखरे मोती फिर माला में जुड़ जायेंगे ।

महानगर के चकाचौंध में
बदल गया आँखों का चश्मा ,
अपने अपने हित साधन का
दि खता है हर ओर करिश्मा।
जो अंतर मन में बैठे थे
वो सब पीछे छूट गए हैं ,
तुम ही टूटे नहीं अचानक
मन के बंधन टूट गए हैं ।

एक बार जीकर देखो तो फिर से अपने भोलेपन को ,
बंजर होते संवेदन में लाखों पाटल  ख़िल जायेंगे ।

यश वैभव की भूख व्यक्ति के
आत्मतोष को तोड़ रही है ,
नए शिखर पाने की लिप्सा
समझौतों से जोड़ रही है ।
थकन भरी इस भाग दौड़ में
ठहर गयी बीतर की धारा ,
जिसे बचाने का प्रयास था ,
उष प्रवाह को खुद ही मारा ।

एक बार तो बहकर देखोभावुकता की पावन सरि में ,
मन की चादर पर कालिख के दाग स्वयं ही धुल जायेंगे ।

यह यात्रा कितने दिन की है
इसको नहीं जान पाओगे ,
मंजिल कहीं नहीं दिखती है
आखिर तुम भी थक जाओगे ।
लक्ष्यहीन इस महासफ़र में
खुद को बहुत नहीं दौडाओ
अपने उर के कल्प वृक्ष की
घनी छाँव के नीचे आओ ।

एक बार फिर गाकर देखो जीवन के मधुमय गीतों को ,
प्राणों की शाश्वत तृष्णा को, निर्मल निर्झर मिल जायेंगे ।।
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Sunday, 22 January 2012

आदरणीय,
           सादर नमन ।
 
प्रभु की कृपा से सपरिवार  सानंद होंगे । आपको ज्ञात होगा की अखिल भारतीय  मंचीय कवि  पीठ गत वर्षों की तरह  इस वर्ष भी अखिल भारतीय मंचीय  कवि पीठ दिसम्बर माह के दूसरे पखवारे  में उ.प्र. के जनपद फर्रुखाबाद के ऐतिहासिक नगर कायम गंज की पावन भूमि  पर  'पञ्च दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कविता समारोह का आयोजन कर रही है । इस विशाल समारोह में भारत के साथ दुनिया  के अनेक देशों के हिंदी सेवी तथा  साहित्यकार भाग लेंगे ।पीठ द्वारा वर्ष २००९ में भी पञ्च  दिवसीय आयोजन किया गया था ,जो आशातीत सफलता के साथ संपन्न हुआ था । इस वर्ष  कायमगंज को केंद्र में रखने के दो कारण हैं ।१-पीठ की संरक्षिका डॉ. मिथिलेश अग्रवाल की इच्छा  २-नगर के समीप कई विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक दर्शनीय स्थलों का होना ।कायमगंज स्वयं तम्बाकू  उत्पादन में विश्व विख्यात है ।हम अभी से आपको सादर आमंत्रित कर रहे हैं ।आप अपने देश के इस विराट साहित्यिक यज्ञ में भाग लेने का मन बना लीजिये ।पीठ द्वारा आयोजित इस समारोह में निम्नवत कार्यक्रम होंगे -
१-समारोह का उदघाटन ।
२-शताधिक हिंदी सेवियों ;साहित्यकारों को पीठ के विविधि सम्मानों से सम्मानित किया जाना ।
३-लोकार्पण समारोह -पीठ की वार्षिक पत्रिका उपलब्धि एवं सम्मान पत्रिका के साथ कई रचनाकारों कई कृतियों का लोकार्पण ।
४-परिचर्चा
५-अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कवि सम्मेलन ।
६-विश्व विख्यात दर्शनीय स्थलों की साहित्यिक यात्रा -क -सुगंध नगरी कन्नौज ,ख -जैन तीर्थ कम्पिल जी ,ग -बौद्ध तीर्थ संकिसा ;घ -ऐतिहासिक नगरी बिठूर। च -माता गंगा का पावन घाट फर्रुखाबाद ।
 कृपया सम्मान एवं अभिनन्दन हेतु अपना जीवन परिचय नवीन छाया चित्र के साथ अविलम्ब हमारे मेल पते पर प्रेषित करने के अतिरिक्त डाक के पते पर भी भेजने की अनुकम्पा करें ।जो महानुभाव पहले आ चुके हैं उन्हें भी यह सहयोग करना है ।यह एक बहुत बड़ा यज्ञ है इस पर अनुमानित ३० लाख रूपये का व्यय आयेगा ।इस समारोह में किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं है । हम आपकी अगवानी ,स्वागत -सम्मान ,आवास ,भोजन भ्रमण एवं प्रसिद्धि की पूरी व्यवस्था करेंगे ।इतना बड़ा समारोह करने के कारण हम आपको मार्ग व्यय नहीं दे सकेंगे ।हाँ यदि कोई उदारमना इस महायज्ञ में आर्थिक सहयोग करना चाहेगा तो हम उसे आशीर्वाद मान कर स्वीकार करेंगे ।
  कृपया अपना और अपने साहित्यिक मित्रों का जीवन परिचय और छाया चित्र अपने आने की स्वीकृति के साथ हमें यथाशीघ्र उक्तानुसार भेज दें ,जिससे हमें तमाम तरह की व्यवस्थाएं करने
में आसानी हो ।अपने भारत से बाहर किसी भी देश में रह रहे साहित्यिक मित्र का ई -मेल पता तथा मोबाइल नंबर भी हमें भेज दें । हम आपसे समय -समय पर संपर्क करते रहेंगे ।
                                                                                                     
                                                                                                                 उत्तरापेक्षी
                                                                                                                डॉ. नरेश कात्यायन 
                                                                                            अध्यक्ष -अखिल भारतीय मंचीय कवि पीठ
                                                                                            संयोजक -अंतर्राष्ट्रीय हिंदी कविता समारोह
                                                                                                मोबाइल नंबर -+९१-९६९६५७०७९३

Sunday, 8 January 2012

अनुरोध

सेवा में ,
         श्री आलोक मिश्र  जी ,
         सादर नमस्कार |
आशा है मस्त एवं व्यस्त होंगे | नए साल की शुभकामनाएँ आप तक पहुंची होंगी |बहुत दिनों से आपसे कोई बात नहीं हो पाई |चाहता हूँ कि इस बार दिसम्बर में होने वाले अन्तराष्ट्रीय हिंदी कविता समारोह में आपकी सहभागिता सुनिश्चित हो|अंतराष्ट्रीय हिंदी समिति आज कल क्या कर रही है|आपके द्वारा प्रकाशित पत्रिकाएँ भी देखने को नहीं मिल रही हैं | यदि उन पत्रिकाओं में मेरी सहभागिता की आवश्यकता हो तो मेरे ब्लॉग काव्यसरोवर से रचनाएं ले सकते हैं | एक कार्य आपको सौंप रहा हूँ जो बहुत महत्वपूर्ण है वो यह की आपके पास अमेरिका अथवा दूसरे अन्य देशों  के हिंदी प्रेमियों , कवियों ,लेखकों तथा किसी रूप में हिंदी की सेवा करने वालों के ईमेल एड्रेस  हैं उन्हें नाम एवं मोबाइल नंबर के साथ मुझे मेल कर दें | परिवार में सभी को मेरी तरफ से यथोचित अभिवादन |मैं आपके मेल की प्रतीक्षा कर रहा हूँ |
आपका ,
डॉ. नरेश कात्यायन ,
अध्यक्ष , अखिल भारतीय मंचीय कवि पीठ ,
(dr.nareshkatyayan@gmail.com),(nareshkatyayan@yahoo.com),
(naresh_katyayanluck@rediffmail.com)