Sunday, 28 October 2012

गीत

जिसकी आँखों में करुणा का पावन पानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी  अमर कहानी है ।।

दुखियों की पीड़ा को जिसने अपना मान लिया ;
जिसने सेवा का व्रत अपने मन में ठान लिया ।
मानवता के महामंत्र का साधक कालजयी ';
उसकी आँखों ने अपने प्रभु को पहचान लिया ।

वही  धार्मिक वही पुजारी सच्चा ग्यानी है ;
जिसकी आँखों में करुणा का पावन पानी है ।।

इस दुनिया में पाप पुण्य पर लगता भारी है ;
ताक़त कहीं ,कहीं पर मानव की लाचारी है ।
नहीं किसी को फिकर किसी की इतना स्वार्थ बढा ;
इस समाज को लगी लोभ वाली बीमारी है ।।

ऐसे में भी पीर दीन  की जिसने जानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी अमर कहानी है ।।

कभी किसी अंधे को करके सड़क पार देखो ,
किसी दुखी को देकर अपना तनिक प्यार देखो ।
दे अनाथ को आश्रय ,रोगी को अपनी सेवा ,
भूखे को भोजन देकर् के एक बार देखो ।।

ऐसा सुख पाओगे जिसका कहीं न सानी है ।
उसका ही जीवन है उसकी अमर कहानी है ।।

सच्चा सुख ,सच्चा जीवन है सच्चा धर्म यही ,
ईश्वर की पूजा का जग में सच्चा मर्म यही ।
नर सेवा नारायण सेवा ,पर दुःख कातरता ;
यही ज्ञान है ,यही ध्यान है सच्चा कर्म यही ।।

वही ओज है ,वही तेज है ,वही जवानी है ।
जिसकी आँखों में करुना का पावन पानी है ।।
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