जादू जैसा असर तुम्हारी बातों में ,
कट जायेगा सफ़र तुम्हारी बातों में |
वह देखो सूरज अम्बर में जलता है ,
उलझ गयी दोपहर तुम्हारी बातों में |
शहनाई सी बजे प्रीति के द्वारे पर ,
हुयीं भाँवरें मुखर तुम्हारी बातों में |
मुझको मेरा परिचय तो करवा देना ,
मदिरा लेती लहर तुम्हारी बातों में |
शायर ने अनजाने में ही पाली है ,
नयी ग़ज़ल की बहर तुम्हारी बातों में |
मैं अक्षर बन कर अधरों पर बस जाऊं ,
बीते सारी उमर तुम्हारी बातों में |
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