Saturday, 30 July 2011

बातों में

जादू  जैसा  असर  तुम्हारी बातों  में , 
कट जायेगा  सफ़र  तुम्हारी बातों में |
वह देखो  सूरज अम्बर में जलता है ,
उलझ  गयी  दोपहर तुम्हारी बातों में |
शहनाई सी बजे प्रीति के द्वारे  पर , 
हुयीं  भाँवरें मुखर तुम्हारी बातों में |
 मुझको मेरा परिचय तो  करवा  देना ,
मदिरा लेती लहर तुम्हारी बातों में |
शायर ने अनजाने  में ही पाली है ,
नयी ग़ज़ल की  बहर तुम्हारी बातों में |
मैं  अक्षर   बन कर अधरों पर बस  जाऊं ,
बीते सारी उमर तुम्हारी  बातों में |  











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