तुम्हारे उच्छ्वास
हर तरफ पसरे हुए सन्नाटे
तुम्हें महसूस करने से लेकर
तुम्हारे आस - पास न होने की दारुण यात्रा में
कई बार टूट जाते हैं
पुष्पक विमान के अदृश्य पंख
किसी अरण्य भूमि पर घायल जटायु की तरह
लहूलुहान होकर गिर जाता है मन
तब तुम्हारे भेजे गए उच्छ्वास
रहस्यमय सपनो की तरह
अधमुंदी आँखों और बोझिल साँसों में
बरबस समा जाते हैं !
दे जाते हैं यह अहसास
कहीं न कहीं छद्म व्यामोह घिरे
स्वनिर्मित चक्रव्यूह में फंसे
तुम्हारे प्रेम के अभिमन्यु को
मेरे समीप आने तक तोड़ने हैं
सात द्वार
जिन्हें रचाने के बाद
स्वयं नहीं देख पाया
और मेरा मन उन्हीं उच्छ्वासों की
स्वप्न वल्लरी में लिपट -लिपट कर
तुम्हें अपने करीब बहुत करीब के अहसास
को सच साबित करने पर तुला है !
हर तरफ पसरे हुए सन्नाटे
तुम्हें महसूस करने से लेकर
तुम्हारे आस - पास न होने की दारुण यात्रा में
कई बार टूट जाते हैं
पुष्पक विमान के अदृश्य पंख
किसी अरण्य भूमि पर घायल जटायु की तरह
लहूलुहान होकर गिर जाता है मन
तब तुम्हारे भेजे गए उच्छ्वास
रहस्यमय सपनो की तरह
अधमुंदी आँखों और बोझिल साँसों में
बरबस समा जाते हैं !
दे जाते हैं यह अहसास
कहीं न कहीं छद्म व्यामोह घिरे
स्वनिर्मित चक्रव्यूह में फंसे
तुम्हारे प्रेम के अभिमन्यु को
मेरे समीप आने तक तोड़ने हैं
सात द्वार
जिन्हें रचाने के बाद
स्वयं नहीं देख पाया
और मेरा मन उन्हीं उच्छ्वासों की
स्वप्न वल्लरी में लिपट -लिपट कर
तुम्हें अपने करीब बहुत करीब के अहसास
को सच साबित करने पर तुला है !
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