विवशतायें
जागना और सोना
सोने के लिए पलंग बिस्तर चादर तकिया
सभी कुछ ठीकठाक करना
जागने के बाद दैनिक क्रियाकलाप
उसके उपकरण जुटाना
गरम या ठंढे पानी से नहाना
चाय और जलपान
टहलना सेहत के लिए उपयोगी
स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी योग
कपडे बदलना फिर बच्चे
उनकी स्कूल ड्रेस ,होम वर्क
फटी हुई कापी किताबें चिपकाना
नास्ता तैयार करना
उनके और बच्चोंं के लिए टिफिन
फिर भोजन बनाना खाना भी
बर्तन धोना कपडे प्रेस करना थोड़ा सुस्ताना
मन करे तो लिखना
एक बार और चाय
चाय की चुस्कियों के साथ दूरदर्शन
किसी धारावाहिक में आँखें टांगना
कितनी व्यस्तताएं हिन्
तुम्हारे जीवन में
आवश्यकताओं और विलासिताओं में
बनता तुम्हारा अस्तित्व
तुम्हारी ये विवशताएँ कहाँ वक़्त देती हैं
कि तुम एक फोन कर सको !
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