Tuesday, 15 April 2014



आयु

बात बेबात हंसना खिलखिलाना
घूमना भौतिक विचारों में
तुम्हारी आयु पर क्या यह गणित
उपयुक्त होगा
अभी तुम हो बहुत छोटी
कहाँ तुमने छुई हैं उम्र की ऊंचाइयां
छुई  - मुई
जहां अभिव्यक्ति देता है ह्रदय
शब्दों के प्रयास से बहुत ज़्यादा
गीत /बांसुरी /श्वास सारे ही
उतरकर भावना को शक्ति देते हैं
स्निग्ध भोलापन तुम्हारा
हरसिँगारी हँसी से अब भी जुड़ा है
उड़ा है प्रीति  के निस्सीम नभ में
तुम्हारी आस का नन्हा अबाबील
इसकी थकान को सम्बल देना
गति करना विरामहीन
केवल इस लिए बस
एक छोटी उम्र हो तुम
उम्र ही नहीं कुछ और प्रतीकों से आगे
और बढ़ना है तुम्हें
यह विश्व ही काफी नहीं है
किसी के दर्द का इतिहास पढ़ना है ! 

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