गौरैया का घोंसला
मेरे शयन कक्ष के एक बड़े चित्र के पीछे
एक गौरैया ने घोंसला बनाया
मुझे उस घोंसले का आभास
कभी सफाई करते
छत और दीवारों के किनारे जाले हटाते
रात -रात भर नींद न आने पर तस्वीरें ताकते
खासकर वह तस्वीर जिसके पीछे
गौरैया का घोंसला था
कभी नहीं हुआ !
वह तस्वीर जिसमें कभी खुद की
कभी तुम्हारी /कभी दोनों की
छवियाँ देखता था
मेरे एकाकीपन का अवलम्ब
ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में
फिर लाइट बंद करने पर
कभी नहीं दिखा घोंसला !
गौरैया चहचहाती ज़रूर थी
आना -जाना। बैठना इतना भर
एक दिन तस्वीर के पीछे सुनाई पड़ी
चहचहाहट गौरैया के नन्हे शिशुओं की
हतप्रभ था मैं
क्या हो गया धीरे -धीरे अनजाने में
अब न तो हटा सकता हूँ यह तस्वीर
न इसके पीछे से घोंसला
अब मुझे तस्वीर में दिखाई पड़ते हैं
तुम्हारी जगह
गौरैया के छोटे -छोटे बच्चे
और मेरा अकेलापन !
मेरे शयन कक्ष के एक बड़े चित्र के पीछे
एक गौरैया ने घोंसला बनाया
मुझे उस घोंसले का आभास
कभी सफाई करते
छत और दीवारों के किनारे जाले हटाते
रात -रात भर नींद न आने पर तस्वीरें ताकते
खासकर वह तस्वीर जिसके पीछे
गौरैया का घोंसला था
कभी नहीं हुआ !
वह तस्वीर जिसमें कभी खुद की
कभी तुम्हारी /कभी दोनों की
छवियाँ देखता था
मेरे एकाकीपन का अवलम्ब
ट्यूबलाइट की दूधिया रोशनी में
फिर लाइट बंद करने पर
कभी नहीं दिखा घोंसला !
गौरैया चहचहाती ज़रूर थी
आना -जाना। बैठना इतना भर
एक दिन तस्वीर के पीछे सुनाई पड़ी
चहचहाहट गौरैया के नन्हे शिशुओं की
हतप्रभ था मैं
क्या हो गया धीरे -धीरे अनजाने में
अब न तो हटा सकता हूँ यह तस्वीर
न इसके पीछे से घोंसला
अब मुझे तस्वीर में दिखाई पड़ते हैं
तुम्हारी जगह
गौरैया के छोटे -छोटे बच्चे
और मेरा अकेलापन !
No comments:
Post a Comment