भाषा की ढाल
कौरवों का अंत अर्थात एक और महाभारत
वाटर लू का संग्राम
नेपोलियन की पराजय
किंकर्तव्य विमूढ़ इतिहास
आज समय के पास युद्ध टालने के लिए
ढाल है भाषा की !
हर वार नाकाम करने के लिए
सियासत की तेज धार वाली तलवारें
जातीय उन्माद की बर्छियां
धर्म की ध्वजा के त्रिशूल
वर्ग भेद की बंदूखे
सत्ता मद की भारी भरकम तोपें
आतंकवाद की मिसाइलें
सभी का लक्ष्य समय का वक्ष
समय के वक्ष पर मानवता का कवच
सुविधा की आंच और गद्दारी के
तेज़ाब से पिघलने लगा है
अब समय के पास केवल भाषा की ढाल है
मुर्दे में फूंक देती ज़िंदगी का विश्वास
इंसान को उसके होने का अहसास !
भाषा संकेतों और तरंगों से होते हुए शब्दों तक
फिर अशब्द तक पहुँच रही है
अष्टधातु से भी ज़्यादा मज़बूत
भाषा की ढाल
आकार ,नाम और विस्तार देने वाले
क़समें खाने वाले इसके नाम की
पुरोधाओं ने ही रच दिया चक्रब्यूह
कहीं हिंदी तो कहीं उसकी सहचरी बनकर
आज अभिमन्यु की तरह असहाय
भाषा की ढाल !
सियासत के दुर्धर्ष महारथियों ने
गदा रखी है अपनी तीखी दृष्टि
समय के हाथ में है यह भाषा की ढाल
इसी के अलम्बरदार इसे बचाने का
ढिंढोरा पीट तलास रहे हैं ऐसा केमिकल
जिसे पड़ते ही राख हो जाए
भाषा किई यह मज़बूत ढाल !
कौरवों का अंत अर्थात एक और महाभारत
वाटर लू का संग्राम
नेपोलियन की पराजय
किंकर्तव्य विमूढ़ इतिहास
आज समय के पास युद्ध टालने के लिए
ढाल है भाषा की !
हर वार नाकाम करने के लिए
सियासत की तेज धार वाली तलवारें
जातीय उन्माद की बर्छियां
धर्म की ध्वजा के त्रिशूल
वर्ग भेद की बंदूखे
सत्ता मद की भारी भरकम तोपें
आतंकवाद की मिसाइलें
सभी का लक्ष्य समय का वक्ष
समय के वक्ष पर मानवता का कवच
सुविधा की आंच और गद्दारी के
तेज़ाब से पिघलने लगा है
अब समय के पास केवल भाषा की ढाल है
मुर्दे में फूंक देती ज़िंदगी का विश्वास
इंसान को उसके होने का अहसास !
भाषा संकेतों और तरंगों से होते हुए शब्दों तक
फिर अशब्द तक पहुँच रही है
अष्टधातु से भी ज़्यादा मज़बूत
भाषा की ढाल
आकार ,नाम और विस्तार देने वाले
क़समें खाने वाले इसके नाम की
पुरोधाओं ने ही रच दिया चक्रब्यूह
कहीं हिंदी तो कहीं उसकी सहचरी बनकर
आज अभिमन्यु की तरह असहाय
भाषा की ढाल !
सियासत के दुर्धर्ष महारथियों ने
गदा रखी है अपनी तीखी दृष्टि
समय के हाथ में है यह भाषा की ढाल
इसी के अलम्बरदार इसे बचाने का
ढिंढोरा पीट तलास रहे हैं ऐसा केमिकल
जिसे पड़ते ही राख हो जाए
भाषा किई यह मज़बूत ढाल !
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