विवशता
बहुत लंबी प्रतीक्षा
किस लिए ? किसकी ?
करेगा कौन इस क्षण की समीक्षा
तुम्हें मालूम भी है यह प्रतीक्षा
कोई परिणाम है वश में किसी के
फूल का खिलना
किसी आश्चर्य का मिलना
ये कोई और ही है
हाथ में जिसके सभी कुछ
प्रकट होता है कभी प्रत्यक्ष
यह भ्रमों की यात्रा अनुक्षण
तिरोहित कर रही है
सुखद आशा के कंगूरे
चुभ गए कांटे
भावना के सुघर पांवों में
शून्यता का दृष्टि में आतंक
धड़कनों में भर गया नीला धुंआ
व्यर्थ ही कुंठा न पालो
विवशता यह तुम्हारी है रची तुमने
पसारो स्नेह का आँचल मिला जो भी
संभालो !
बहुत लंबी प्रतीक्षा
किस लिए ? किसकी ?
करेगा कौन इस क्षण की समीक्षा
तुम्हें मालूम भी है यह प्रतीक्षा
कोई परिणाम है वश में किसी के
फूल का खिलना
किसी आश्चर्य का मिलना
ये कोई और ही है
हाथ में जिसके सभी कुछ
प्रकट होता है कभी प्रत्यक्ष
यह भ्रमों की यात्रा अनुक्षण
तिरोहित कर रही है
सुखद आशा के कंगूरे
चुभ गए कांटे
भावना के सुघर पांवों में
शून्यता का दृष्टि में आतंक
धड़कनों में भर गया नीला धुंआ
व्यर्थ ही कुंठा न पालो
विवशता यह तुम्हारी है रची तुमने
पसारो स्नेह का आँचल मिला जो भी
संभालो !
No comments:
Post a Comment